डॉक्टर नीरज कहते हैं कि महिलाओं को जरूरत है खुद अपनी देखभाल करने की, तभी वे हेल्दी रह सकती हैं।
रखें खास ध्यान इन बातों का—
पीरियड्स के दौरान अनियिमितता : कई बार उम्र बढ़ने के साथ-साथ पीरियड्स में ब्लीडिंग काफी गाढ़ी होती है, लेकिन ऐसा हर बार और हर किसी के साथ नहीं होता है। अगर आपको हर दो सप्ताह में पीरियड्स और सेक्स करने के दौरान या सेक्स करने के बाद योनि से खून निकलता है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। बच्चेदानी में गांठ, एनीमिया, हारमोनंस संबंधी समस्या, सर्वाइकल, यूट्रिन या ओवेरियन कैंसर होने के बाद भी ये समस्या हो जाती है।
योनि संक्रमण का इलाज : योनि में संक्रमण होना कोई गंभीर बीमारी नहीं है लेकिन गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। हर महिला को जीवनकाल में कम से कम एक बार योनि में ईस्ट इंफेक्शन होता ही है। अगरा योनि में खुजली होने लगती है, तो दिखाएं डॉक्टर को। कई बार महिलाएं किसी भी प्रकार की समस्या होने पर टेल्कम पाउडर या बेबी पाउडर को छिड़क लेती है, ऐसा करने से कैंसर का खतरा 30 प्रतिशत ज्यादा बढ़ जाता है। इससे बेहतर होगा, आप कॉटन की पैंटी पहने और पीरियड्स के दौरान योनि को पानी से साफ करती रहें।
बर्थ कंट्रोल का उपयोग न करना : अगर आपको पीरियड्स आने बंद हो गए हैं तो इसका मतलब ऐसा नहीं है कि आपको मेनोपॉज हो गया है। हो सकता है कि गर्भवती हों, एक उम्र के बाद बर्थ कंट्रोल का उपयोग न करना सुरक्षित नहीं होता है, आप गर्भवती हो ही सकती हैं। इसलिए आप सेक्स करने के दौरान अपने पार्टनर को कंडोम यूज करने कों कहें या टेबलेट खाएं।
नियमित परीक्षण न करवाना: अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्ट्रिशियन और गायनोकोलॉस्ट के द्वारा हाल ही में जारी निर्देशों के अनुसार, 30 वर्ष तक अपना परीक्षण करवाती हैं लेकिन उसके बाद ढीली पड़ जाती है और पेप परीक्षण नहीं करवाती है। ऐसा न करें। हर साल डॉक्टर के पास रेगुलर चेकअप के लिए जाएं। इस दौरान ब्रेस्ट और योनि परीक्षण करवाएं।
मेनोपौज: इस दौरान परिवार का ध्यान रखते-रखते अपनी सेहत के प्रति लापरवाह रहती हैं। अच्छी सेहत के लिए कई बातें ऎसी हैं, जिस महिला के शरीर में हारमोन सम्बन्धी अनेक बदलाव जैसे, शरीर के तापमान में अनिश्चितता, अचानक बुखार या पसीना आना, चिडचिड़ापन, अनिंद्रा, यौनेच्छा में कमी, त्वचा में रूखापन, बालों का झड़ना, अवांछित बालों की समस्या और हार्ट रोग का खतरा बढ़ जाता है।
बचाव: भोजन में हरी सब्जियों, सलाद अंकुरित अनाज, दालों, ताजे फलों और जूस को शामिल करें। 1200 मिलीग्राम तक कैल्शियम जरूर लें। खासकर दूध-दही का सेवन प्रचुरता से करें। सूती कपडे पहनें, क्योंकि इस दौरान पसीना अधिक आता है। इससे आप त्वचा सम्बन्धी रोगों से बची रहेंगी।
‘स्टेट ऑफ इंडियन हार्ट’ की हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, दोहरी भूमिका के तनाव से हर साल शहर की महिलाएं ज्यादा प्रभावित हो रही हैं। नतीजतन, उन्हें कम उम्र में कई तरह की हार्ट प्रॉब्लम्स हो जाती हैं। काम के चक्कर में वे अक्सर अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं। इससे उन्हें थकान और अनहेल्दी महसूस करने लगती हैं। अगर आप भी काम के प्रेशर के चलते खुद पर ध्यान नहीं दे पा रही हैं तो हम बताते हैं आपको कुछ टिप्स, जिन्हें अपनाकर आप आसानी से अपनी देखभाल कर सकती हैं…